राजस्थान के सीकर जिले में स्थित बाबा खाटू श्याम का मंदिर देशभर में प्रचलित है. यहां रोजाना सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने के लिए आते है. लेकिन अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं और समय की कमी के कारण बाबा के धाम नहीं जा पा रहे हैं तो अब निराश होने की आवश्यकता नहीं है. आप दिल्ली में ही बाबा श्याम के दर्शन कर सकते हैं. राजधानी के अलीपुर इलाके में जीटी करनाल रोड के किनारे स्थित तिबोली गार्डन के पास मौजूद है. खाटू श्याम का भव्य और दिव्य मंदिर मौजूद है. इस मंदिर का नाम खाटू श्याम दिल्ली धाम है और यह एक लाख वर्ग गज भूमि पर बना है.
बाबा श्याम के इस मंदिर की स्थापना 22 मार्च 2022 को हुई थी. यहां रोजाना भक्तों का रैला लगा रहता है. खास बात यह है कि शाम के समय 1100 मोमबत्तियों की रोशनी में बाबा के दर्शन कराए जाते हैं.
मंदिर की खासियत
खाटू श्याम मंदिर में 36 धाम, 36 घाट बनाए गए हैं. साथ ही कई मंजिला मॉर्डन धर्मशाला भी स्थापित की गई है. वहीं 1500 किलो अष्टधातु से बनी शिलापट, योग सेंटर और 25 फीट नीचे गीर गाय के गोबर से निर्मित व्यासपीठ भी बनाई गई है. यहां यज्ञशाला, फ्लावर शॉप, राधिका वाटिका, गर्भ गुफा में बाबा के दर्शन और गौशाला को भी देखा जाता है.
इतना ही नहीं भारत माता धाम नामक एक राष्ट्र मंदिर भी इस परिसर में स्थापित किय गया है. 165 फीट ऊंचा तिरंगा झंडा भी यहां लगाया गया है.
24 घंटे मंदिर में होता है भंडारा
खाटू श्याम दिल्ली धाम मंदिर में श्रद्धाओं के लिए 24 घंटे भंडारे की सुविधा है. खाटू श्याम मंदिर सुबह 5:30 बजे से लेकर रात 9 बजे का खुला रहता है. यहां बुर्जुर्गों के लिए भी दर्शन करने की अलग सुविधा बनाई गई है. आप जब चाहे मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच सकते है. हालांकि इन टाइमिंग्स में बदलाव सीजन के अनुसार बदल भी सकता है.
- मंदिर के परिसर में खाने-पीने की उचित दामों में सुविधा उपलब्ध है.
- रविवार को मंदिर में भीड़ अधिक होती है, इसलिए रविवार को जाने से बचना चाहिए.
- खाटू श्याम मंदिर में फाल्गुन मेला भी लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
कौन हैं खाटू श्याम?
खाटू श्याम बाबा का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है. वह पांडव पुत्र भीम के पुत्र घटोत्कच के बेटे थे जिनका नाम बर्बरीक थे. बर्बरीक को ही खाटू श्याम कहते हैं. दअरसल, बर्बरीक ने कहा कि कि महाभारत के युद्ध में जो पक्ष हार रहा होगा. वह उसकी तरह से युद्ध करेंगे. बर्बरीक इतने सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे कि उसके तीन बाण की कौरवों और पांडवो की सेना को समाप्त करने के लिए काफी थे. जिसके बाद भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप धारण कर बर्बरीक से भिक्षा में उसका शीश मांग लिया. पांडवों के विजय वरदान के लिए बर्बरीक ने अपना शीश भगवान के दे दिया. जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को कलयुग में अपने नाम से पूजने का वर दिया. बता दें जहां बर्बरीक का शीश रखा था. उस स्थान का नाम खाटू है. इसलिए उनका नाम खाटू श्याम पड़ा.
मकान और दुकान बनाने की मन्नत के लिए प्रसिद्ध
इस मंदिर की मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां घर और मकान की मन्नत मांगता है. उन्हें बाबा पूरी करते हैं. यही वजह है कि मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपना घर या दुकान की मनोकामना लेकर इस मंदिर में पहुंचते हैं और मुराद पूरी करने के लिए मंदिर में ईंट रखकर अर्जी लगाते हैं.
कैसे पहुंचे खाटू श्याम मंदिर
खाटू श्याम दिल्ली धाम मंदिर जीटी करनाल रोड अलीपुर में स्थित है. आपको यहां पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन जहांगीरपुरी पड़ेगा. यहां से ई-रिक्शा या ऑटो लेकर आप मंदिर तक पहुंच सकते हैं. इसके आलावा मंदिर के नजदीकी बस स्टैंड दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज शाहबाद और दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज है. यहां से वॉक कर आप मंदिर जा सकते हैं.
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