प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) एक ऐसी योजना साबित हुई जिसने देश के लाखों युवाओं और छोटे व्यापारियों को अपने पैरों पर खडे़ होने की राह दिखाई है. 8 अप्रैल, 2015 को शुरू की गई इस योजना ने 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से सामने आई लाभार्थियों की कहानियां बताती हैं कि इस योजना ने न सिर्फ आर्थिक सहायता की, बल्कि लोगों के आत्मनिर्भर बनने के सपने को भी साकार किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली स्थित अपने आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पर, देश भर से आए 48 चयनित प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभार्थियों से मुलाकात की. यह कार्यक्रम मुद्रा योजना की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था. इसमें उत्तर प्रदेश के रायबरेली की रहने वाली मनीषा रावत और कश्मीर के मुदासिर हुसैन नक्कासबंदी जैसे युवा उद्यमी भी शामिल रहे. दोनों ने प्रधानमंत्री से बातचीत में बताया कि कैसे इस योजना से उन्हें नया जीवन और पहचान मिली है. इस कार्यक्रम में शामिल लाभार्थियों ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से भी बात की.
एजेंसी से बातचीत के दौरान रायबरेली निवासी मनीषा रावत ने बताया कि मई 2023 में ‘चोको कम ट्रू’ नाम से उन्होंने बेकरी शुरू की. उन्होंने अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बड़ौदा यूपी बैंक से 9.5 लाख रुपए का लोन लिया. मनीषा ने बताया की आज उनकी बेकरी कई महिलाओं और पुरुषों को रोजगार दे रही है. मनीषा ने पीएम मोदी से मुलाकात में कहा, “महिलाओं को आगे आकर इस योजना का लाभ उठाना चाहिए.”
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कश्मीर के मुदासिर हुसैन ने बताया कि साल 2021 में उन्होंने अपने व्यवसाय की शुरुआत की और आज उनके पास 40 से अधिक कर्मचारी हैं. उन्होंने बताया, “प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने हमें बड़ा सहारा दिया. प्रधानमंत्री मोदी का आभारी हूं कि उन्होंने हमारे जैसे स्टार्टअप्स को सहयोग दिया.”
वहीं, झारखंड के गढ़वा जिले में पिछले 10 साल में 32,500 लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लगभग 21 करोड़ रुपए का लोन दिया गया है. समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में अग्रणी बैंक गढ़वा के मुख्य प्रबंधक सत्यदेव कुमार रंजन ने बताया, “यह योजना जिले में रोजगार सृजन की दृष्टि से मील का पत्थर साबित हो रही है.” गढ़वा के लाभार्थी अमित श्रीवास्तव, गौरव मिश्रा और जाहिर खान ने बताया कि कम ब्याज पर लोन मिलने से व्यापार में विस्तार हुआ है, व्यापार की दिशा और दशा दोनों बदली हैं.
आईएएनएस से बात करते हुए रांची के व्यवसायी मोहम्मद इसाक, पशुपतिनाथ सिंह, सेराज अहमद, मंजूर आलम समेत कई व्यापारियों का कहना है कि मुद्रा योजना ने न केवल व्यवसाय को बढ़ाया, बल्कि बैंकों के साथ उनके रिश्ते को भी मजबूत किया. इन सभी का कहना है कि इस योजना ने उनके पारिवारिक और सामाजिक जीवन में सकारात्मक बदलाव किया है.
आज प्रधानमंत्री मुद्रा योजना देश के युवाओं और छोटे व्यापारियों के लिए आशा की किरण बनकर सामने आई है. यह योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में नित नए आयाम रच रही है.
इस योजना के तहत अब तक करीब 33 लाख करोड़ से अधिक के गारंटी-मुक्त लोन वितरित किए गए हैं, जिससे 52 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिला है. इनमें से लगभग 68% लाभार्थी महिलाएं हैं, और 50% से अधिक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित हैं.
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