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International Labour Day 2025: क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल लेबर डे? जानें इतिहास और महत्व

आज 1 मई है और पूरी दुनिया आज के दिन अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस यानी इंटरनेशनल लेबर डे मना रही है. हर साल 1 मई को इंटरनेशनल लेबर डे मनाया जाता है.

Editor Ritam Hindi by Editor Ritam Hindi
May 1, 2025, 11:38 am IST
International Labour Day 2025

इंटरनेशनल लेबर डे 2025 ( फोटो साभार: Social Media)

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International Labour Day 2025: आज 1 मई है और पूरी दुनिया आज के दिन अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस यानी इंटरनेशनल लेबर डे मना रही है. हर साल 1 मई को इंटरनेशनल लेबर डे मनाया जाता है. आज का दिन दुनिया भर के श्रमिकों और मजदूर वर्ग के योगदान और बलिदान के इतिहास को याद दिलाता है.  आज के दिन दुनिया भर के मेहनती और समर्पित श्रमिकों को याद किया जाता है. आखिर 1 मई को ही क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल लेबर डे और इसका महत्व क्या है आइए जानते हैं.

 इंटरनेशनल लेबर डे का इतिहास

इंटरनेशनल लेबर डे की शुरुआत साल 1886 में अमेरिका में हुईएक क्रांति से हुई थी. दरअसल, उस समय अमेरिका में मजदूरों को काफी ज्यादा काम करना पड़ता था लेकिन उस हिसाब से उन्हें वेतन नहीं दिया जाता था. जिसके वजह से 1 मई 1886 के दिन शिकागो में हजारों की संख्या में मजदूरों ने 8 घंटे के कार्य दिवस की मांग के उद्देश्य से हड़ताल कर दी. देखते ही देखते इस हड़ताल ने हिंसा का रूप धारण कर लिया. जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी और कई गंभीर से रूप से घायल हुए.

मजदूरों के इस क्रांति के बाद से 1889 में दूसरे इंटरनेशनल समाजवादी कांग्रेस ने 1 मई को इंटरनेशनल लेबर डे के रूप में मनाना का फैसला किया और तभी से आज के दिन को इंटरनेशनल लेबर डे के रूप में मनाया जाने लगा. इसके बाद अमेरिकी मजदूरों की तरह ही दूसरे देशों में भी श्रमिकों के लिए 8 घंटे काम करने का नियम लागू कर दिया गया. हालांकि, भारत में 1923 से इंटरनेशनल लेबर डे मनाया जाता है. भारत में इसकी शुरुआत तमिलनाडु की राजधानी चैन्नई में कम्युनिस्ट नेता सिंगारवेलु चेट्टियार ने की थी.

इंटरनेशनल लेबर डे का महत्व

इंटरनेशनल लेबर डे के महत्व के बारे में बात करें तो ये दिन समाज के निर्माण और विकास में श्रमिकों के अहम भूमिका को याद दिलाता है. इतना ही नहीं, लेबर डे श्रमिकों को एक बेहतरीन और सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियां, काम के हिसाब से उचित वेतन और सामाजिक सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अवसर भी देता है. यह दिवस श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए श्रमिक संगठनों को एकजुट होने अवसर भी प्रदान करता है.

भारतीय संविधान और श्रमिकों के अधिकार

अनुच्छेद 23 और 24: बंधुआ मज़दूरी और बाल मज़दूरी पर रोक.

अनुच्छेद 39: समान कार्य के लिए समान वेतन.

अनुच्छेद 41 और 43: काम का अधिकार, सुरक्षित रोजगार और जीवनयापन योग्य वेतन.

भारत के इन राज्यों में 1 मई को रहता है सार्वजनिक अवकाश- तमिलनाडु, बंगाल, असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, केरल, महाराष्ट्र कर्नाटक, गोवा और बिहार में छुट्टी होती है.

फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका सहित 80 से अधिक देशों में 1 मई को नेशनल हॉलिडे होता है.

यह भी पढ़ें- क्या है जातिगत जनगणना? क्यों पड़ी इसकी जरूरत? जानें हर सवाल का जवाब

Tags: International Labour DayInternational Labour Day historyImportance of International Labour DayInternational Labour Day 2025
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